What Is 5G / 5G क्या है और कैसे करेगा काम, फायदे क्या हैं?
What Is 5G / 5G क्या है और कैसे करेगा काम, फायदे क्या हैं?
Tele-Communication की नई 5G टेक्नोलॉजी जल्द भारत में अपनी जगह बनाने जा रही है। जी हां हम बात कर
रहें है सबसे तेज मोबाइल नेटवर्क यानि पांचवे जेनरेशन के 5G नेटवर्क की, 5G की स्पीड की इस तरह से
अंदाजा लगा सकते है। 4G नेटवर्क की स्पीड का 100 गुना,
4G की तरह ही,
5G भी उसी मोबाइल नेटवर्किंग पर आधारित है।
चीन,
अमेरिका,
जापान और यहां तक कि दक्षिण कोरिया सहित कई देशों में इसका इस्तेमाल शुरू हो चुका है।
इस साल के अंत तक देश की सभी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां आधिकारिक तौर पर 5जी लॉन्च कर देंगी और इसके बाद भारत में लोगों को 4जी इंटरनेट से 10 गुना ज्यादा स्पीड वाला 5जी इंटरनेट इंटरनेट मिलने लगेगा.
5G
टेक्नोलॉजी क्या है?
तीनों बैंड के अपने-अपने काम और फायदे
हैं.
Low Frequency में
600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज आते हैं, जो 4G जैसा ही है.
Medium Frequency में 3300 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी आती है.
High Frequency में
26 गीगाहर्ट्ज की
फ्रीक्वेंसी आती है.
Network Latency क्या है?
5G नेटवर्क द्वारा न
सिर्फ कनेक्टिविटी अच्छी मिलेगी, बल्कि एडवांस ऐन्टेना टेक्नोलॉजी द्वारा
नयी रेडियो फ्रीक्वेंसी पर डेटा ट्रांसफर होने से डेटा ट्रांसमिशन स्पीड में काफी
बढ़ोतरी हो जाएगी नेटवर्क लेटेंसी क्या होती है जब आप मोबाइल से
इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं तो फोन और टारगेट सर्वर के बीच लगने वाला समय
लेटेंसी कहलाता है. 4G नेटवर्क में यह लेटेंसी 40ms (40 मिलीसेकेंड) की है, जो 5G नेटवर्क में 1ms होने का अनुमान है क्लिक किया और एक मिलीसेकेंड में जवाब
आपके सामने आ जाएगा. 5G नेटवर्क में नेटवर्क मैनेजमेंट की विशेषता भी होगी, जिससे नेटवर्क
स्लाइसिंग (Network Slicing) द्वारा मोबाइल ऑपरेटर्स एकमात्र 5G नेटवर्क में
विभिन्न वर्चुअल नेटवर्क बना पाएंगे, जिससे Consistency यानी स्थिरता और Speed यानी गति भी बनी
रहेगी.
5G में किन रेडियो तरंगों का इस्तेमाल होता है?
5जी तकनीक में
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम यानी रेडियो वेव (रेडियो तरंगों) का इस्तेमाल होता
है. 5जी तकनीक की जानकारी रेडियो तरंगों के बारे में समझने से मिल सकती है.
वैज्ञानिक परिभाषा के अमुताबिक एक निश्चित समय अंतराल में एक रेडियो तरंग जितनी
बार खुद को दोहराती है, वह वेव फ्रीक्वेंसी कहलाती है. यह फ्रीक्वेंसी हर्ट्ज में आंकी जाती है.
कोई रेडियो तरंग खुद को दोहराने में जितना समय लेती है, उसे उसकी वेवलेंथ
कहा जाता है. जब रेडियो तरंगों की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाया जाता है, तो उनकी वेवलेंथ कम
होने लगती है. ऐसे में फ्रीक्वेंसी अधिक होने (या वेवलेंथ कम होने) पर तरंगें तेजी
से एक से दूसरी जगह पर तो पहुंचती हैं, लेकिन ज्यादा दूरी तक नहीं जा पाती हैं.
इसकी वजह यह है कि वेवलेंथ कम होने की वजह से रेडियो तरंगें विभिन्न सतहों को भेद
नहीं पाती हैं. इसके उलट फ्रीक्वेंसी कम और वेवलेंथ ज्यादा होने पर रेडियो तरंगें
कम गति होने पर भी ज्यादा दूरी तय कर सकती हैं.
5G Internet की स्पीड कितनी होगी?
5G पर इंटरनेट स्पीड 4G के मुकाबले 30 से 40 गुना अधिक तेज
होगी. आने वाला समय 5जी का है. यह 4जी नेटवर्क के मुकाबले बहुत तेज है. 4जी नेटवर्क पर जहां औसतन इंटरनेट स्पीड 45एमबीपीएस होती है, लेकिन 5जी नेटवर्क पर यह
स्पीड बढ़कर 1000 एमबीपीएस तक पहुंच जाएगी. इससे इंटरनेट की दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी.
आम जिंदगी में इसका मतलब होगा कि 4जी के मुकाबले 10 से 20 गुना ज्यादा तेज
डेटा डाउनलोड किया जा सकेगा.
1G 2G 3G 4G टेक्नोलॉजी क्या है ?
1G टेक्नोलॉजी: -1जी टेक्नोलॉजी एनेलोग सिग्नल का इस्तेमाल करता था।
इसे 1980
में पेश किया
गया। इसकी स्पीड लिमिट 2.4
kbps पर काम करता
था। सबसे पहले इसे अमेरिका में पेश किया गया था।
2G टेक्नोलॉजी: -2जी टेक्नोलॉजी 1991 में आई थी। यह GSM पर आधारित थी। यह डिजिटल सिग्नल
इस्तेमाल करती थी। इसकी स्पीड 64 kbps थी। इसे पहले फिनलैंड में लॉन्च किया गया था।
3G
टेक्नोलॉजी: -2000 में आई 3G तकनीक इसके
जरिए है वी गेम्स,
बड़ी फाइल्स
को ट्रांसफर करना और वीडियो कॉलिंग फीचर जैसे सर्विस दी जाने लगी। इन्हें
स्मार्टफोन भी कहा जाता है। इसके बाद नए डाटा प्लान्स लॉन्च किए गए।
4G
टेक्नोलॉजी: -2011 में आई 4जी तकनीक इसके
जरिए यूजर्स 100
Mbps यानि 1 Gbps की स्पीड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
5जी को हाल के बर्षों डेवलप किया गया
है। जोकि भारत इसके ट्रायल शुरु किया जा रहा है। जिससे आने वाले महिनों में
कंपनिया स्मार्टफोन यूजर्स को ये सर्विस उपलब्ध करा देगीं। इसकी कनेक्टिविटी और
स्पीड में कोई लिमिट नहीं होगी। ये भविष्य की वायरलैस तकनीक होगी। 5जी सपोर्ट फोन में ज्यादा
सिक्योरिटी होगी।
5G टेक्नोलॉजी के फायदे क्या हैं?
·
5जी मोबाइल सर्विस के शुरू होने के बाद मोबाइल टेलीफोनी की दुनिया ही बदल
जाएगी. एक अनुमान के अनुसार, 5जी की स्पीड 4जी से 10 गुना ज्यादा होगी. 5जी सर्विस शुरू
होने के बाद ऑटोमेशन का नया दौर शुरू होगा. अब तक जो चीजें बड़े शहरों तक सीमित
हैं उनकी पहुंच गांवों तक होगी. इसमें ई-मेडिसीन शामिल है, शिक्षा और कृषि
क्षेत्र को जबरदस्त फायदा होगा. 5जी सेवा के लॉन्च होने के बाद देश में
डिजिटल क्रांति को नया आयाम मिलेगा. रोबोटिक्स तकनीक का विकास होगा. देश की अर्थव्यवस्था
को गति मिलेगी. साथ ही, ई-गवर्नेंस का विस्तार होगा. कोरोना संकट के बाद से जिस तरह इंटरनेट पर
हमारी निर्भरता बढ़ी है, उसे देखते हुए 5जी हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर और सरल बनाने में मदद करेगा. 5G टेक्नोलॉजी से
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, हेल्थकेयर, वर्चुअल रियलिटी, क्लाउड गेमिंग के लिए नये रास्ते खुलेंगे. ड्राइवरलेस कार की संभावना
इसके जरिये पूरी होगी. 5जी नेटवर्क पर मशीनें आपस में बात करेंगी.
- 5G आने के बाद स्पीड के अलावा
आपके आसपास का पूरा सिस्टम बदल जाएगा। 5G आने पर लो लेटेंसी यानी किसी
भी डिवाइस का रिस्पॉन्स सिस्टम बेहद तेज हो जाएगा। 4G में अभी यह समय 50 से 100 मिली सेकेंड है लेकिन 5G में यह एक मिली सेकेंड हो
जाएगा। यह स्पीड पलक झपकने की रफ्तार से 300 गुना तेज है, यानी आप जो भी कमांड देंगे वो
रियल टाइम में होगी।
- मशीन लर्निंग या आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस तेजी से विकसित हो रहा है जिस में इंटरनेट की बहुत बड़ी सहभागिता
है जब आप इंटरनेट पर कोई भी डाटा अपलोड करते हो यानी इनपुट कराते हो इसमें 5जी का बेहतर तरिके से इस्तेमाल
किया जा सकगा।
- स्वचालित कारें भी एक दूसरे से
बेहतर कम्युनिकेशन कर पाएंगी और ट्रासपोर्ट और मैप्स से जुड़ा डेटा लाइव साझा
कर पाएंगी।
- 4G टेक्नोलॉजी से 5G CSX जहां 100 गुना तेज स्पीड मिलेगी जरा
सोचिए कि आपने एक फुल एचडी फिल्म 3 सेकंड के अंदर डाउनलोड कर
लिया। इतना ही तेज होने वाला है 5G नेटवर्क। इस फील्ड में काम कर
रही कंपनी क्वॉलकॉम के अनुसार, 5G ट्रैफिक कपैसिटी और नेटवर्क
एफिसिएंसी में 20
जीबी
प्रति सेकेंड की स्पीड देने में सक्षम है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि
आप के पलक झपकाते हुए काम हो जाएगा।
- 5G आने के बाद मशीनें आपस में बात
करेंगी। कमांड देने पर खुद से काम करेंगी। इसे ऐसे उदाहरण के तौर पर समझें कि
आप किसी दूसरे शहर में किसी काम से गए हैं लेकिन आपको वहां पहुंचने के बाद
याद आया कि आपने घर का फ्रिज और इन्वर्टर बंद नहीं किया है। तो यह 5G आपके लिए आसान बना देगा। आप
अपने स्मार्टफोन से एक कमांड देंगे और सैंकड़ों किलोमीटर दूर आपके घर पर
सेकेंड से भी कम समय में उसका पालन होगा।
- कंपनिया ऐसा मानती है कि 5G नेटवर्क ऐसी स्पीड देगा, जो रियल टाइम में ऑग्मेंटेड
रियलटी का अनुभव करा सकता है। इससे ऑग्मेंटेड रियलिटी पर काम करने वाले
हार्डवेयर के विकास में भी मदद मिलेगी।
- 5G टेक्नोलॉजी वर्चुअल रियलिटी, ऑटोमैटिक ड्राइविंग और इंटरनेट
ऑफ थिंग्स (Virtual
Reality, Automatic Driving and Internet of Things) के लिए आधार बनने जा रहा है।
यह सिर्फ आपके स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के अनुभव को बेहतर नहीं करने वाला है, बल्कि मेडिकल, इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां तक कि
मैन्युफैक्चरिंग के विकास में भी मदद करने वाला है। यानि आप के स्मार्ट फोन
के कंमाड से काम को किया जा सकेगा।
- 5G टेक्नोलॉजी से मेडिकल साइंस की
दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी। दुनिया के एक कोने में बैठकर सर्जन किसी भी मरीज
पर बड़ी से बड़ी सर्जरी परफॉर्म कर सकेगा। इसके लिए रोबोटिक आर्म का इस्तेमाल
होगा। डॉक्टर अपनी स्कीन पर देखकर ऑपरेशन कर देगा। वीआर तकनीक से आप अपनी
कल्पना को सजीव कर पाएंगे।
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