Internal Structure of Computer

  Internal Structure of Computer A computer device is made up of various elements which help in its effective functioning and processing. There are five basic components of the computer which help in making this processing of data easier and convenient.  Input Unit Output Unit Central Processing Unit (CPU) ·          Input Unit A computer will only respond when a command is given to the device. These commands can be given using the input unit or the input devices.  For example: Using a keyboard we can type things on a Notepad and the computer processes the entered data and then displays the output of the same of the screen. The data entered can be in the form of numbers, alphabet, images, etc. We enter the information using an input device, the processing units convert it into computer understandable languages and then the final output is received by a human-understandable language. ·   ...

स्टोरेज डिवाइसेस (Storage Devices)

 स्टोरेज डिवाइसेस (Storage Devices)

स्टोरेज डिवाइस पूरक, स्थायी, सेकण्डरी और ज्यादा स्टोरेज के तौर पर जाना जाता है। ये भविष्य के लिए डाटा इंस्ट्रक्शन और इनफार्मेशन रख सकता है। 

कल्पना करें, आपने एक विषेष रिपोर्ट बनाने के लिए कम्प्यूअर पर लम्बा समय लगाया, इसे पूरा करने के कुछ और घंटों की जरूरत है, जिसे आप अगले दिन कर सकते हैं, तो बिना स्टोरेज डिवाइसिस के उस जगर से दोबारा शुरू करने का सवाल ही नहीं उठता। इसलिए आपकों अपना काम सेव करने के लिए सेकण्डरी स्टोरेज और पूरक स्टोरेज की जरूरत है, ताकि इस काम को बाद में शुरू कर सकें और जहां छोड़ा है वहीं से कैरी कर सकें।

1. हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)  

    हार्ड डिस्क छोटे कम्प्यूटर जैसे माइक्रो कम्प्यूटर एवं मिनी कम्प्यूटर में डाटा संग्रहण के लिए काम में ली जाती है। यह सिस्टम यूनिट के अन्दर लगी होती है। इसकी अत्यधिक संग्रहण क्षमता के कारण इसे मास स्टोरेज डिवाइस (Mass Storage Device)   तथा सिस्टम यूनिट के अन्दर लगी होने के कारण आनलाइन स्टोरेज डिवाइस (Online Storage Device) भी कहते है। वर्तमान में 80 GB  160 GB 240 GB और 500 GB 1 TB संग्रहण क्षमता की हार्ड डिस्क अधिक प्रचलित है। हार्ड डिसक पर बहुत-सी सूचनाएं स्थाई रूप से संग्रहित होती हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम, कम्पाइलर, एसेम्बलर, डाटाबेस, एप्लीकेषन प्रोग्राम आदि भी हार्ड डिस्क पर ही संग्रहित होते हैं। अतः हार्ड डिस्क सर्वाधिक प्रचलित आवष्यक एवं स्थाई संग्रहण युक्ति है।

(1 गीगाबाइट = 1024 मेगाबाइट)

हार्ड डिस्क ड्राइव को हार्ड ड्राइव या फिक्स्ड हार्ड ड्राइव भी कहा जाता है। ज्यादातर कम्प्यूटरों में कम्प्यूअर केस के अंदर एक हार्ड डिस्क स्थित होती है। हार्ड ड्राइव, प्लेटर्स कहलाने वाली घूमती हुई डिस्क पर अत्यधिक मात्रा में डाटा को चुम्बकीय तरीके सेे स्टोर करती है। हार्ड डिस्क समय की बचत कर सकती है, क्योंकि फ्लाॅपी डिस्क के मुकाबले हार्ड डिस्क पर फाइलें एक्सेस करना 20 गुना ज्यादा तेज होता है। फ्लाॅपी डिस्क के मुकाबले हार्ड डिस्क पर फाइलें एक्सेसे करना ज्यादा आसान होता है।

चित्र: हार्ड डिस्क                                       

स्टोरेज डिवाइसेस (Storage Devices)

 

2. फ्लाॅपी डिस्क

     (Floppy Disk)   फ्लाॅपी डिस्क को फ्लाॅपीज या डिस्केटीज के तौर पर जाना जाता है। फ्लाॅपी डिस्क, होम व पर्सनल कम्प्यूटरों पर साॅफ्टवेयर, कम्प्यूटरों के बीच डाटा ट्रांसफर और छोटा बैकअप सेव करने के लिए इस्तेमाल होती थी । फ्लाॅपी डिस्क दो साइज क्रमषः 5 1/4 इंच और 3 1/2  इंच में उपलब्ध थी । फ्लाॅपी डिस्क, फ्लाॅपी डिस्क ड्राइव (एफ.डी.डी.) से पढ़ी और लिखी जा सकती थी । फ्लाॅपी ड्राइव आज उतनी महत्त्वपूर्ण नहीं है, वर्तमान मे इसका उपयोग बंद हो गया है  

 

 चित्र: फ्लाॅपी डिस्क   


                   

3. पेन ड्राइव (USB Pen Drive) 

    सबसे पहले USB के बारें मे जान लें-Universal Serial Bus (USB)  एक सीरियल बस स्टैण्डर्ड है जो किसी कम्प्यूटर डिवाइस को सीधे कम्प्यूटर से जोड़ने के काम आता है। आप कम्प्यूटर के कई तरह के डिवाइस को सीधे एक सिंगल मानक साॅकेट के जरिए जोड़ सकते हैं।  USB पेन ड्राइव एक ऐसा ही कम्प्यूटर डिवाइस है जो USB के जरिए कम्प्यूटर से जोड़ा जा जाता है। यह एक छोटे हार्ड डिस्क की तरह होता है जो डाटा को स्टोर करने, रीड करने में तथा हटाने में काम आता है। USB पेन ड्राइव का फायदा यह होता है कि यह डिवाइस बहुत छोटा और हल्का होता है और इसे आप कहीं भी ले जा सकते है। आप इसमें अपना कोई भी डाटा हटाकर दोबारा Write कर सकते हैं तथा इसका डाटा किसी भी कम्प्यूअर में USB साॅकेट के जरिए डाल सकते है। आजकल मार्केट में तरह-तरह की स्टोरेज क्षमता वाली (2 GB, 4 GB 8 GB, 32 GB etc.) 

 

4. सीडी रोम ड्राइव (CD ROM Drive) 

    सीडी रोम काॅम्पेक्ट डिस्क (रीड ओनली मेमोरी) ऐसी काॅम्पेक्ट डिस्क है, जिसमें कम्प्यूटर द्वारा एक्सेस करने योग्य डाटा होता है। सीडी रोम गेम्स व मल्टीमीडिया एप्लीकेषन्स सहित कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर वितरित करने के लिए लोकप्रिय है, हालांकि डिस्क की उच्चतम क्षमता तक इसमें कोई भी डाटा स्टोर किया जा सकता है। एक 120 Millimetre  (4.7 Inch)  व्यास की मानक सीडी रोम में 700 MB  तक डाटा रख सकते है।

 

सीडी रोम ड्राइव (CD ROM Drive) 

    काॅम्पेक्ट डिस्क में स्टोर इन्फाॅर्मेषन रीड करने वाला डिवाइस है। ज्यादातर सीडी रोम ड्राइव सिस्टम यूनिट के अंदर स्थित होती है। आप अक्सर सीडी ड्राइव पर एक नम्बर जैसे- 16 x 40  या 52  देखते होंगे। सामान्य तौर पर इसका मतलब ड्राइव की स्पीड से होता है। ज्यादा नम्बर का मतलब ज्यादा फास्ट ड्राइव। एक्स का मतलब है कि ओरिजनल सीडी स्टैण्डर्ड के मुकाबले ड्राइव का ट्रांसफर रेट कितने गुणा ज्यादा है।


5. सीडी रीकाॅर्डेबल (CDR) 

    सीडी-आर काॅम्पेक्ट डिस्क-रीकाॅर्डेबल मल्टी सैषन काॅम्पेक्ट डिस्क है, जिस पर आप अपने डाटा जैसे- टैक्स्ट, ग्राफिक्स और आॅडियों रिकाॅर्ड कर सकते हैं। सीडी-आर में आप एक हिस्से पर एक बार राइट कर सकते हैं और बाद में दूसरे हिस्से पर एक बार राइट कर सकते हैं और बाद मे दूसरे हिस्से पर राइट कर सकते हैं। आप केवल एक बार में ही हर हिस्से पर राइट कर सकते हैं, लेकिन आप डिस्क के कंटेंट को इरेज (मिटाना) नहीं कर सकते हैं। ज्यादातर सीडी-रोमस ड्राइव सीडी-आर रीड कर सकती है। आप सीडी-आर पर सीडी रिकाॅर्डर या सीडी-आर ड्राइव और विषेष साॅफ्टवेयर का प्रयोग करके राइट करते है।


6. सीडी रीराइटेबल (CDRW) 

    सीडी-आरडब्ल्यू इरेजेबल डिस्क है, जो आपको कई बार लिखने व मिटान देती है। शुरूआत में इसे इरेजेबल सीडी (सीडी-ई) कहा जाता था बाद में सीडी-आरडब्ल्यू, जो सीडी-आर में एक बार लिखने के बजाय बड़ी लाभदायक है। सीडी-आरडब्ल्यू साॅफ्टवेयर और सीडी-आरडब्ल्यू ड्राइव अवष्य होनी चाहिए। सीडी-आरडब्ल्यू रिकाॅर्डर, सीडी-आरडब्ल्यू पर 700 MB  तक डाटा रीराइट कर सकता है। इस ड्राइव में 52 x  तक राइट स्पीड, 32 x  तक रीराइट स्पीड और 52 x  तक रीड स्पीड होती है। मैन्यूफेक्चर विषिष्ट रूप से उदाहरण के तौर पर इस प्रकार 52/32/52 लिखते हैं।


7. डीवीडी-रोम ड्राइव (DVD ROM Drive) 

     डीवीडी रोम ड्राइव के जरिए डीवीडी-रोम डिस्क में स्टोर इन्फाॅर्मेषन रीड की जाती है। रीड-ओनली का मतलब है कि डिस्क में स्टोर इन्फाॅर्मेषन को बदला नही जा सकता है। डीवीडी-रोम डिस्क साइज और आकार में सीडी-रोम डिस्क के समान होती है, लेकिन उसमें बहुत ज्यादा इन्फाॅर्मेषन स्टोर हो सकती है।


8. DVD  राइटर्स (DVD Writers) (Digital Versatile Disk or Digital Video)

     राइटर्स को आॅप्टिकल डिस्क रिकाॅर्डर भी कहा जाता है। यह कम्प्यूटर की स्टोरेज डिवाइस है। यह सीडी रोम की तरह ही होता है। इसमें आप कोई भी CD  या DVD  डालकर डेटा या प्रोग्राम तो Read  करते ही है। इसके साथ ही आप किसी CD  या DVD  में इसके जरिए अपना डाटा राइट भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त म्यूजिक या वीडियो  को इस CD/DVD ड्राइव में डालकर Play  किया जा सकता है।

आज आपने क्या सीखा  ?

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को   स्टोरेज डिवाइसेस (Storage Devices)  इसके बारे सरल  भाषा में पूरी जानकारी दी हमारा उदेश्य सरल भाषा के साथ समझाना और में पूर्ण रूप आशा करता हूँ आप लोगों को ये बहुत अच्छे ढंग से समझ आ गया होगा। 

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