Internal Structure of Computer

  Internal Structure of Computer A computer device is made up of various elements which help in its effective functioning and processing. There are five basic components of the computer which help in making this processing of data easier and convenient.  Input Unit Output Unit Central Processing Unit (CPU) ·          Input Unit A computer will only respond when a command is given to the device. These commands can be given using the input unit or the input devices.  For example: Using a keyboard we can type things on a Notepad and the computer processes the entered data and then displays the output of the same of the screen. The data entered can be in the form of numbers, alphabet, images, etc. We enter the information using an input device, the processing units convert it into computer understandable languages and then the final output is received by a human-understandable language. ·   ...

कम्प्यूटर का वर्गीकरण क्या है


कंप्यूटर क्या है?  कम्प्यूटर का वर्गीकरण क्या है |What is Computer in Hindi

कंप्यूटर का वर्गीकरण |Classification of Computer in Hindi

कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर के वर्गीकरण को समझाइए | Computer kya hai in hindi, Tyepes of computer

इसके वर्गीकरण को तीन भागों में बांटा गया है:-


अनुप्रयोग (Application)                           
उद्देष्य      (Purpose)
आकार     (Size)

अनुप्रयोग:- इसे भी तीन भागों में बांटा गया है:-


कम्प्यूटर का वर्गीकरण क्या है
(अ) एनालाॅग                                                                

(ब) डिजिटल
(स) हाईब्रिड


(अ) एनालाॅग:- 

इस प्रकार के कम्प्यूटर का प्रयोग विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों किया जाता है जिसमें विद्युत व मौसम मुख्य है। इस प्रकार हम कह सकते है कि वे कम्प्यूटर जों अंकों पर कार्य न करतें हुए भौतिक रूप से उपलब्ध डाटा पर सीधें कार्य करतें है। 

इनकी विषेषताएँ निम्नलिखित है:-

    ये कम्प्यूटर भौतिक राशियों जैसे ताप, दाब, द्रव के प्रवाह आदि पर काम करते है।

    कम्पटरों का उपयोग वहाँ किया जाता है जहाँ पर ताप, दाब, धारा अथवा विद्युत को लगातार मापना होता है।

    इनका उपयोग इंजीनियरिंग व विज्ञान के क्षेत्र में भी अधिक होता है क्योंकि वहाँ मात्राओं की रूप में गणना का कार्य अधिक होता है।

उदाहरणार्थ एक एनालाॅग कम्प्यूटर पैट्रोल पम्प से निकले पैट्रोल की मात्रा को माप कर लीटर में दिखाता है तथा उसके मूल्य की गणना कर स्क्रीन पर दिखाता है।

सीमाएँ:-

यह कम्प्यूटर बडे डाटा को संग्रह नहीं कर पाते है।

इनकी तार्किक क्षमता कम होती है।

इनकी गणनाएँ अनुमानित परिणाम देती है।

ये एक समय में एक ही निर्देश पर कार्य कर सकते है।

(ब) डिजिटल:-

इस प्रकार के कम्प्यूटर का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है जिसमें डाटा बायनेरी 0 तथा 1 के रूप में कार्य करते है। इस तरह कम्प्यूटर गणितीय क्षमताओं पर ज्यादा कार्य करते है। यह प्राप्त इनपुट निर्देशों को 0 व 1 में परिवर्तित करके उन पर कार्य करते है अर्थात् जो कम्प्यूटर अंको पर कार्य करते है डिजिटल कम्प्यूटर कहलाते है।

 इनकी विशेषताएँ निम्नलिखित है:-

वर्तमान में डिजिटल कम्प्यूटर में सभी डाटा व निर्देषों को एक साथ इनपुट किया जाता है व कम्प्यूटर निर्देशानुसार गणनायें करके परिणाम आउटपुट के रूप में प्रदान करते है।

सीमाएँ:-

    ये कम्प्यूटर लगातार परिवर्तित होने वाली भौतिक राशियों जैसे ताप, दाब, धारा आदि के लिए उपयोगी नहीं है।

इस प्रकार के कम्प्यूटर पर कार्य करने के लिए प्रोग्रामिंग का अच्छा ज्ञान आवष्यक है।

(स) हाईब्रिड:-

इस प्रकार के कम्प्यूटर में एनालाॅग तथा डिजिटल दोनों प्रकार के कम्प्यूटर गुणों का समावेश होता है। हाईब्रिड कम्प्यूटर में लगातार परिवर्तित होने वाले डाटा को इनपुट के रूप में ग्रहण करके डिजिटल डाटा में परिवर्तित किया जाता है व परिणाम प्राप्त किए जातें है। हाईब्रिड कम्प्यूटर का उपयोग अस्पतालों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है जहाँ किसी रोगी के लक्षणों, तापमान, रक्तचाप आदि कों एनालाॅग कम्प्यूटर सिग्नल कें रूप में कम्प्यूटर ग्रहण करता है व उसे डिजिटल सिग्नल में बदलकर परिणाम अंकों के रूप में प्रदर्शित करता है।

उद्देष्य के अनुसार:- इन्हे दो भागों में बांटा गया है:-

(1) साधारण (General) (2) विषेष (Special)

(अ) साधारण  (General)  यह बहुउद्देषीय या सभी सामान्य उद्देष्यों की पूर्ति करने वाले कम्प्यूटर होते है। इनका उपयोग सभी क्षेत्रों जैसे:- गणितीय, गणनाओं, व्यवसायिक क्षेत्र, विश्लेषणात्मक क्षेत्र व ग्राफिक्स में किया जाता है।

सीमाएँ:- इनके सी.पी.यू. की क्षमता सीमित होती है इस कारण विशिष्ट अनुप्रयोग में इन्हे उपयोग में नही लाया जा सकता है।

(ब) विशेष (Special) :- वे कम्प्यूटर जो किसी विशेष उद्देष्य की प्राप्ति को लक्ष्य कर बनाये जाते है स्पेशल परपज कम्प्यूटर कहलाते है। इनके सी.पी.यू. की क्षमता कार्य के अनुरूप होती है आवश्यकता होने पर एक साथ कई सी.पी.यू. को भी जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार के कम्प्यूटर एक विशेष प्रकार के कार्य को करने में दक्ष होते है। उदाहरणार्थ किसी कपडे़ की मिल में कपड़े की गुणवत्ता डिजाइन व रंगों को जांचने के लिए।

सीमाएँ:- इस प्रकार के कम्प्यूटर जिस विशेष कार्य के लिए निर्मित किये जाते है केवल वही कार्य करते है, अन्य कार्य इनसे नही किये जा सकते है। इनकी लागत अधिक होती है। इनका आन्तरिक परिपथ जटिल होता है।

आकार के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार

आकार के आधार पर कम्प्यूटर के चार प्रकार या भाग है:-
(1) माइक्रो कम्प्यूटर (2) मिनी कम्प्यूटर
(3) मेनफ्रेम कम्प्यूटर (4) सुपर कम्प्यूटर

माइक्रो कम्प्यूटर :- कम्प्यूटर प्रणालियों में सबसे छोटी प्रणाली को माइक्रो या माइक्रो कम्प्यूटर कहते है। इनका उपयोग व्यक्तिगत अथवा छोटी इकाइयों के लिए होने से इन्हे पर्सनल कम्प्यूटर भी कहा जाता है। इन कम्प्यूटरों मे माइक्रो कम्प्यूटर मुख्य पुर्जा होने के कारण इसका नाम माइक्रो कम्प्यूटर रखा गया इन्हें पर्सनल कम्प्यूअर भी कहते हैं तथा बहुतायत से मिलते है। इस प्रकार के कम्प्यूटरों में एक समय में एक ही व्यक्ति काम कर सकता हैं। माइक्रो कम्प्यूटर लद्यु व्यवसायों द्वारा भी प्रयुक्त किए जा रहे हैं। घरों में इन कम्प्यूटरों कों व्यापक विभिन्नता के कार्यो के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।

सीमाएँ:-

एक समय में केवल एक ही व्यक्ति काम कर सकता है।

कार्य करने की क्षमता कम होती है।

अधिक समय लगता है।

संग्रहण क्षमता कम होती है।

मिनी कम्प्यूटर - ये कम्प्यूटर मध्य आकार के कम्प्यूटर होते हैं। ये माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक कार्य क्षमता वाले होते हैं। इनकी कीमत माइक्रो कम्प्यूटर की अपेक्षा अधिक होती हैं। इसमें एक से अधिक सी.पी.यू. होते है तथा मेमोरी के साथ-साथ गति भी तेज होती है।

मेनफ्रेम कम्प्यूटर- ये कम्प्यूटर आकार में मिनी कम्प्यूटर से बहुत बड़े, ज्यादा, मेमोरी, गति व कार्य क्षमता वाले होते हैं। इनका प्रयोग बड़ी-बड़ी कम्पनियों, बैंको तथा सरकारी विभागों में किया जाता हैं। इन कम्प्यूटरों पर सैकड़ो यूजर एक साथ कार्य कर सकते हैं। मेनफ्रेम कम्प्यूटर अपने साथ एक हजार से भी अधिक दूरस्थ वर्क स्टेषनों को जोड़ सकते हैं। इन कम्प्यूटरों की गति को MIPS (Million Instruction Per Second ) को मापा जाता है। इनका उपयोग बड़े व्यावसायिक संगठनों बैकों और विष्वविद्यालयों आदि में किया जाता है। मेनफ्रेम कम्प्यूटर के मुख्य आपूतिकर्ता IBM , CDC, इत्यादि।

सुपर कम्प्यूटर - एक सुपर कम्प्यूटर में एक से अधिक सीपीयू होते है। यह कम्प्यूटर सबसे अधिक शक्ति, कार्यक्षमता, तािा गति वाले होते हैं जो समानान्तर कार्य करते है। अतः कार्य शीघ्रतापूर्वक सम्पन्न होता है इनकी कार्य गति फ्लाॅप (Flops, Floating Instruction Per Second) में मापी जाती है। अत्याधुनिक कम्प्यूटर की गति 1 टेरा (100 खरब) फ्लाॅप की हो सकती है। इन कम्प्यूटरों को विषिष्ट क्षेत्रों जैसे- रक्षा, वायुयान अभिकल्पना, विज्ञान, अन्तरिक्ष विज्ञान तथा मौसम विभग द्वारा किया जाता है। इनकी कीमत सबसे अधिक होती है। भारत की ब्क्ब्। कम्पनी द्वारा भी एक सुपर कम्प्यूटर का विकास किया गया जिसका नाम परम रखा गया हैं। भारत में निर्गित सुपर कम्प्यूटर का नाम ’परम’ है जिसे पुणे स्थित सी-डेक नामक संस्था ने बनाया है। अब इसका नवीनतम संस्करण परम-10000 भी बनाया गया है। इससे पूर्व परम-8000 बनाया गया था। वर्तमान कम्प्यूटर इससे 1000 गुणा अधिक क्षमता वाला है।

आज आपने क्या सीखा  ?

कंप्यूटर क्या है?  कम्प्यूटर का वर्गीकरण क्या है |What is Computer in Hindi

कंप्यूटर का वर्गीकरण |Classification of Computer in Hindi
कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर के वर्गीकरण को समझाइए Computer kya hai in hindi, Tyepes of computer

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को कम्प्यूटर का वर्गीकरण क्या है  इसके बारे सरल  भाषा में पूरी जानकारी दी हमारा उदेश्य सरल भाषा के साथ समझाना और में पूर्ण रूप आशा करता हूँ आप लोगों को ये बहुत अच्छे ढंग से समझ आ गया होगा। 

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