What is FTP ? FTP क्या ?| यह कैसे काम करता है?
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- X
- Other Apps
विषय-सूची
FTP Full
Form
Full Form of
FTP
FTP Full
Form in Hindi
What is FTP
in Hindi
FTP Client कितने प्रकार के होते हैं?
FTP का इतिहास क्या है?
FTP का कैसे उपयोग किया जाता है?
FTP कैसे काम करता है?
FTP किसके लिए प्रयोग किया जाता है?
क्या FTP को इंटरनेट की आवश्यकता है?
FTP किस पोर्ट का उपयोग करता है?
FTP और HTTP में क्या अंतर है?
FTP के क्या-क्या फायदे हैं
FTP के क्या-क्या नुकसान हैं?-
FTPS क्या है?
SFTP क्या है?
10 बेस्ट FTP क्लाइंट सॉफ्टवेयर फॉर windows 10
FTP Full Form
FTP Full Form is
– File Transfer Protocol
FTP Full
Form in Hindi
FTP Ka Full Form हैं – File Transfer Protocol – फ़ाइल ट्रांसफ़र
प्रोटोकॉल
FTP
क्या है?
यह कैसे काम करता है?
What is FTP in Hindi
FTP क्या है:
FTP क्लाइंट एक प्रोग्राम है जिसकी मदद से आप आसानी से एक कंप्यूटर से दूसरे
कंप्यूटर में फ़ाइलों को ट्रांसफर कर सकते है।
FTP protocol बहुत ही पुराना प्रोटोकॉल है और आज भी इसका उपयोग हो रहा है इसके बावजूद कई सारे internet users ऐसे भी होंगे जिन्हें अभी तक FTP के बारे में पता नही होगा, लेकिन यदि आप कोई वेबसाइट बनाने जा रहें हैं तो आपके लिए यह बहुत ही उपयोगी tool साबित हो सकता है।
जब कोई web developer वेबसाइट बनाता है तो
उस वेबसाइट के files को सर्वर पर upload करना होता है और इस काम के लिए FTP का उपयोग किया जाता है जो की बड़े-बड़े
फाइलों को सर्वर पर अपलोड, डाउनलोड, रीनेम, डिलीट, कॉपी और मूव करने में मदद करता है।
FTP
Client कितने प्रकार के होते हैं?
Types of FTP Client in Hindi
कई
अलग-अलग FTP क्लाइंट हैं, जिन्हे आप इंटरनेट
से डाउनलोड कर सकते हैं। इनमें से कुछ को फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है और
दूसरों को खरीदकर डाउनलोड किया जा सकता है।
निचें
कुछ पॉपुलर FTP क्लाइंट हैं, जिन्हे आप इंटरनेट
से डाउनलोड कर सकते हैं।
1. FileZilla
2. Cyberduck
3. FireFTP
4. WinSCP
5. Transmit
FTP
का इतिहास
FTP का
इतिहास क्या है?
History of FTP in Hindi
एफ़टीपी
सर्वर का इतिहास:
FTP को सबसे पहले अभय भूषण द्वारा 1971 में develop किया गया Starting में इसका उपयोग ARPANET
Network Control Program यानी NCP पर server और computers
के बीच
सुरक्षित तरीके से file transfer करने के लिए किया जाता था।
बाद में NCP की जगह TCP/IP यानि की मॉडर्न इंटरनेट का उपयोग होने
लगा। जैसे-जैसे internet पर बदलाव होते गये FTP
को भी update किया जाता रहा।
अभय
भूषण ने File Transfer Protocol का ओरिजन स्पेसिफिकेशन लिखा था
और 16
अप्रैल 1971 को RFC 114 के रूप में पब्लीश किया गया। 1980 तक FTP,
NCP पर
रन हुआ, जो
TCP/IP के पूर्वज थे।
प्रोटोकॉल
को बाद में एक TCP/IP वर्जन RFC 765 (जून 1980) और RFC
959 (अक्टूबर
1985), द्वारा रिप्लेस किया गया।
Computer में लगे firewall की FTP connection में परेशानिया आने लगीं जिससे निपटने के लिए एफटीपी को firewall friendly बनाया गया जिसके लिए passive mode add किया गया।
सुरक्षा
कारणों से FTPS और SFTP को बनाया गया जिनकी वजह से यह पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गया है।
एफटीपी के द्वारा web server पर फाइल अपलोड करने के लिए तीन तरीके का उपयोग कर
सकते हैं:
1.
Command-line : Command line का कभी न कभी उपयोग जरुर किया होगा, हर operating systems चाहे वह Windows हो, Linux हो या Mac OS हो सभी में FTP के लिए कुछ built-in command दिए होते हैं जिनका उपयोग करके FTP site से connect हो सकते हैं।
2.
Web
Browser : Web browser का भी use कर सकते हैं इसके लिए आपको address bar में http:// की जगह ftp:// लिखना होगा और साथ
में आपको username और password में url में type करना होगा। ब्राउज़र पर एड्रेस कुछ इस तरह होगा: ftp://username:password@ftp.website.org/
3.
Graphical
FTP Client का उपयोग करके: Graphical FTP client का भी use कर सकते हैं जो की एक
प्रकार का application होता है और जिसका interface
बहुत ही user friendly और आसान होता है। यदि
आप विंडोज use कर रहें हैं तो FileZilla नाम का application आप इन्टरनेट से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
FTP कैसे काम करता है?
अब चलिए समझते हैं की आखिर एफटीपी
प्रोटोकॉल काम कैसे करता है। इसके लिए सबसे पहले यूजर के सिस्टम में FTP client install होना चाहिए इसके अलावा server से connection स्थापित करने के लिए
आपके पास username और password होनी चाहिए।
File transfer करने के लिए FTP दो प्रकार के connection
का उपयोग करता है:
1.
Control
Connection: इसका उपयोग connection को open या close करने और server को command भेजने के लिया किया जाता है।
2.
Data
Connection: Connection स्थापित होने बाद data
connection के माध्यम से client-server के बीच फाइल ट्रान्सफर किया जाता है।
Client द्वारा port नंबर 21 पर control connection शुरू किया जाता है कनेक्शन स्थापित होने पर client द्वारा commands भेजे जाते हैं और command के अनुसार server port number 20 पर data connection शुरू करता है और इसी data connection के जरिये फाइलों को
ट्रान्सफर किया जाता है। FTP दो अलग-अलग modes पर काम कर सकता है:
1.
Active Mode
2.
Passive Mode
Active Mode:
- Active mode में client किसी भी port number (>1023) का उपयोग करके FTP server
के port
21 पर connect
हो जाता है यानी control connection को open कर देता है।
- इसके बाद client अपना port number सर्वर की बताता है जिसपर data
connection establish करना है।
- client का पोर्ट नंबर मिलने के बाद सर्वर अपने port 20 से client के port number पर data connection को open कर देता है।
Passive Mode:
- Passive mode में
client किसी भी port number (greater than 1023)
से FTP
server के port
21 पर command
connection को open
करता है।
- FTP client उस कमांड कनेक्शन के माध्यम
से सर्वर को PASV command भेजता है।
- FTP server उसी command connection से अपना port number FTP client को बताता है।
- एफटीपी client
की तरफ से क्लाइंट के पोर्ट नंबर और सर्वर
द्वारा बताये गये पोर्ट नंबर के बीच data
connection open कर दिया जाता है।
FTP किसके लिए
प्रयोग किया जाता है?
फाइल ट्रांसफर
प्रोटोकॉल (FTP) एक TCP/IP -आधारित नेटवर्क, जैसे इंटरनेट पर
कंप्यूटरों के बीच फ़ाइलों को ट्रांसफर करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाने
वाला नेटवर्क प्रोटोकॉल है। FTP लोगों और एप्लिकेशन
को उनके कार्यालयों और इंटरनेट पर डेटा का आदान-प्रदान और शेयर करने देता है।
क्या FTP को इंटरनेट की आवश्यकता है?
FTP
क्लाइंट
विंडोज के वर्शन द्वारा प्रदान किया जाता है, जो आपको एक FTP
सर्वर
से कनेक्ट करने देता है। तो, आपके स्थानीय
(कार्य/घर) नेटवर्क पर एक क्लाइंट और एक सर्वर के साथ, आप इनका उपयोग अपने
नेटवर्क के भीतर फ़ाइलों के ट्रांसफर के लिए कर सकते हैं। तो, तकनीकी रूप से आपका
लोकल नेटवर्क इंटरनेट नहीं है।
FTP किस पोर्ट
का उपयोग करता है?
FTP
एक
असामान्य सेवा है जिसमें यह दो पोर्ट, एक ‘डेटा’ पोर्ट और एक ‘कमांड’ पोर्ट (जिसे
कंट्रोल पोर्ट के रूप में भी जाना जाता है) का उपयोग करता है। परंपरागत रूप से ये
कमांड पोर्ट के लिए पोर्ट 21 और डेटा पोर्ट के लिए पोर्ट 20 हैं।
FTP और HTTP में क्या अंतर है?
- FTP के द्वारा two-way communication किया जा सकता है यानी की हम सर्वर से किसी फाइल को client system पर copy या move कर सकते हैं और client के कंप्यूटर से किसी फाइल को
सर्वर upload कर सकते हैं।
- HTTP one-way
communication system पर काम करता है जो की server से text, images, videos आदि को client के browser पर display करता है।
- एफटीपी के द्वारा user सर्वर की directory structure को देख सकता है जबकि HTTP
में इसे hide
किया जा सकता है।
- बड़े-बड़े files के transfer के लिए एफटीपी बेहतर है जबकि छोटे-छोटे data
को ट्रान्सफर करने के लिए HTTP का उपयोग करना बेहतर है।
- एफटीपी में कोई फाइल सर्वर से transfer
हो कर client
के कंप्यूटर पर automatically
save हो सकता है लेकिन HTTP में user को अपने browser पर दिख रहे content को खुद से सेव करना होता है।
- FTP में data transfer के लिए binary encoding का उपयोग होता है जबकि HTTP
में MIME
format का use
होता है।
FTP के क्या-क्या फायदे हैं? – Advantages of FTP in Hindi
- FTP client के जरिये आप एक से अधिक files के अलावा multiple directories को एक साथ transfer कर सकते हैं।
- फाइलों को तेज़ गति से ट्रान्सफर करना एफटीपी का सबसे बड़ा advantage है।
- यदि ट्रान्सफर के समय connection
loss हो जाए तो परेशान होने की जरुरत नही है आप बाद
में उसे continue कर सकते हैं। आप चाहें तो बीच में transfer
को pause
भी कर सकते हैं और बाद में resume भी कर सकते हैं।
- आप file या directory transfer को schedule भी कर सकते हैं यानी आपके बताये गये समय पर यह automatic अपना काम कर सकता है।
- FTP पर auto backup की सुविधा भी जो की बड़े काम की चीज है।
FTP के क्या-क्या नुकसान हैं?-
FTP के क्या-क्या नुकसान हैं?- Disadvantages of FTP in Hindi
- सारे FTP servers encryption की सुविधा नही देते हैं और बिना encryption
के data
transfer करना सुरक्षित नही है।
- अगर आपका पासवर्ड कमजोर है तो brute force attack के जरिये अलग-अलग password
combination बना कर hackers
आपके password
को guess
कर सकते हैं।
FTPS
क्या है?
FTPS का full form
“File Transfer Protocol – Secure” या “File Transfer Protocol – SSL” है। जैसा की हमने बताया FTP बहुत ही पुराना protocol है जो की सन 1971 से चलता आ रहा है और उस समय data
encryption use नही किया
जाता था ऐसे में जाहिर सी बात है की एफटीपी में data secure नही है और यही इसकी सबसे बड़ी
कमजोरी है।
एफटीपी की इसी कमजोरी को दूर करने के लिए FTPS यानी File
Transfer Protocol Secured को बनाया गया जो की FTP की तरह ही काम करता है लेकिन
इसमें सभी data encrypted होते हैं जिन्हें आसानी से हैक करके read नही किया जा सकता। आजकल ज्यादातर FTPS का ही उपयोग किया जाता है।
SFTP
क्या है?
SFTP का full
name “SSH File Transfer Protocol” है। FTPS और SFTP के बीच अंतर यह है की SFTP में secured
connection के लिए SSH यानि Secure
Shell का उपयोग
होता है जबकी FTPS में FTP protocol का use होता है।
SFTP एक तरह का binary protocol है जिसमे सारे commands
binary में convert होकर packets के form में सर्वर को भेजे जाते हैं जिससे की
फाइल ट्रान्सफर और भी secured और fast हो जाता है।
एफटीपी में user id, password और certificate को authentication के लिए use जाता है जबकि SFTP
connection में authentication के लिए user id, password के अलावा SSH keys का भी उपयोग किया जा सकता है।
8 बेस्ट FTP
क्लाइंट सॉफ्टवेयर फॉर windows 10
1.
FileZilla (फाइल ज़िला
2.
WinSCP (विन एस सी पी)
3.
WS_FTP (डब्ल्यू एस एफटीपी)
4.
Total Commander (टोटल कमांडर)
5.
CuteFTP (क्यूट एफ़टीपी)
6.
Cyber Duck (सायबर डक)
7.
Free FTP (फ्री एफटीपी)
8.
Fire FTP (फायर एफटीपी)
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- Other Apps
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